सपा में शामिल हो गये राम प्रसाद, नन्दू , दूधराम सहित सैकड़ों दिग्गज

तारकेश्वर टाईम्स (हि0दै0)


( बृजवासी शुक्ल )  लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित पूर्व सांसद तथा मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राम प्रसाद चौधरी ने अपने तमाम समर्थकों के साथ सोमवार को यहां समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की । इस अवसर को समाजवादी पार्टी कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नये वर्ष में पार्टी को बड़ा तोहफा बताया।



अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में अब समाजवादी पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी और भाजपा पर भरोसा करने वालों की भी आंखें खुलेंगी। उन्होंने कहा कि आज जब राम प्रसाद चौधरी के वाहनों का काफिला बस्ती से निकला तो अयोध्या व बाराबंकी में भी लोग हैरान हो गए। इन लोगों ने टोल पर आज बड़ी कीमत दी है। इनका अपने समर्थकों के साथ आज समाजवादी पार्टी में शामिल होना एक अच्छा संकेत है। अब लोगों का भरोसा भाजपा से टूटेगा। किसान तो भाजपा पर भरोसा कर पछता रहा है , जबकि नौजवान तथा कामगार भी इनकी फर्जी घोषणा से अपने को काफी छला महसूस कर रहे हैं।



बस्ती में ब्रांड के रूप में पहचान बना चुके पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी को 20 दिसम्बर को बसपा से बाहर किया गया था। इनके साथ आठ पूर्व विधायक और एक पूर्व सांसद ने भी आज सपा का दामन थामा। छह जिलापंचायत सदस्य और कई पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी शामिल हुए। इस मौके पर सपा कार्यालय में सैकड़ों लोग मौजूद थे। राम प्रसाद चौधरी के साथ पूर्व विधायक दूधराम  व जितेंद्र कुमार उर्फ नन्दू चौधरी , मालती देवी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष , विपिन शर्मा पूर्व ब्लाक प्रमुख, कबीर चौधरी पूर्व प्रत्याशी , उमेश पांडे पूर्व विधायक , अनिल कुमार पूर्व विधायक मुजफ्फरनगर, रामप्रसाद पासी पूर्व प्रत्याशी कानपुर, सुदर्शन पासी शाहजहांपुर ,राजेंद्र चौधरी पूर्व विधायक, मुकेश चौधरी जिला पंचायत सदस्य ,अवधेश यादव जिला पंचायत सदस्य ,ज्ञान चंद्र चौधरी जिला पंचायत सदस्य ,कपिलदेव जिला पंचायत सदस्य, हरिराम चौधरी जिला पंचायत सदस्य, मनीराम मौर्या पूर्व ब्लॉक प्रमुख, अजय सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख, कुमकुम भारती पूर्व ब्लाक प्रमुख ,सीताराम पूर्व जिला अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। 


बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व एमएलसी महेश आर्य ने पूर्व मुख्यमंंत्री मायावती को लिखे पत्र में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आर्य ने बसपा में चापलूसों का राज होने की बात कहते हुए वर्ष 2009 से लगातार पराजय के बाद भी कारणों पर समीक्षा नहीं किए जाने का आरोप लगाया। उन्हेंने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में सपा से बना गठबंधन बिना संगठन में चर्चा किए तोड़ने से समर्थकों को मायूसी हाथ लगी थी। पार्टी से त्यागपत्र देते हुए आर्य ने मायावती पर मिशन से भटकने का आरोप भी लगाया। आर्य भी समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। राम प्रसाद चौधरी से पहले शनिवार को कभी मायावती के करीबी रहे सीएल वर्मा व पूर्व मंत्री रघुनाथ प्रसाद शंखवार भी समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं ।
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