गुरू गोविन्द सिंह ने की थी खालसा पंथ की स्थापना : जयन्ती पर बोले बुद्धजीवी

तारकेश्वर टाईम्स  (हि0दै0)


  बस्ती  (उ0प्र0 ) ।   सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी की आज जयंती है । शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ । इस बार यह तिथि 2 जनवरी को है । गुरु गोविंद सिंह एक आध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भयी योद्धा, कवि और दार्शनिक भी थे । गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया । 



   नव सम्वत स्वागत समिति के संयोजक एवं समाजसेवी अखिलेश दूबे ने उनकी जयन्ती के अवसर पर कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की रक्षा के लिए कई बार मुगलों का सामना किया था । सिखों के लिए 5 चीजें - बाल , कड़ा , कच्छा , कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश गुरु गोबिंद सिंह ने ही दिया था । इन चीजों को 'पांच ककार' कहा जाता है, जिन्हें धारण करना सभी सिखों के लिए अनिवार्य होता है ।



  समाजसेवी व चिकित्सक डाॅ0 वीरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि  कई कलाओं और भाषाओं में निपुण थे गुरु गोबिंद सिंह । 
वे एक लेखक भी थे, उन्होंने स्वयं कई ग्रंथों की रचना की थी। समाजसेवी पंं0 सरोज मिश्र ने कहा कि उनके दरबार में हमेशा 52 कवियों और लेखकों की उपस्थिति रहती थी, इसलिए उन्हें 'संत सिपाही' भी कहा जाता था। गुरु गोबिंद सिंह को ज्ञान, सैन्य क्षमता आदि के लिए जाना जाता है। सरदार कुलवेन्द्र सिंह मजहबी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी भाषाएं भी सीखीं थी। साथ ही उन्होंने धनुष-बाण, तलवार, भाला चलाने की कला भी सीखी। सरदार जगजीत सिंह नेे कहा कि जीवन में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, चाहे परिस्थितियां कितनी भी बुरी क्यों न हो। हमेशा अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए काम करते रहना चाहिए। भृगुनाथ त्रिपाठी "पंकज" ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी के बताए मार्ग पर चलकर हमेशा कुछ नया सीखते रहेंगे, तो आप में सकरात्मकता का संचार होगा। 



              गुरु गोबिंद सिंह के विचार 
1- अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे, तो वर्तमान भी खो देंगे।
2.- जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
3 - मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
4- ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें।
5- इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
6 -अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
7- असहायों पर अपनी तलवार चलाने वाले का खून ईश्वर बहाता है। 
8- बगैर गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिलता।
9 - जितन संभव हो सके, जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।
10- अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें। 
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