ठंड के मद्देनजर गौशालाओं की निगरानी तेज

तारकेश्वर टाईम्स  (हि0दै0)


 बस्ती 25 दिसंबर ( सू०वि० ) । जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने नगरपालिका स्थित कान्हा गौशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी गोवंश के पशुओं को बोरे से ढकने का निर्देश दिया है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीमार पशुओं का डॉक्टर से इलाज कराएं। निरीक्षण के दौरान गौशाला में 204 पशु मिले इन्हें चारा, भूसा एवं पौष्टिक आहार की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।



ठंड से बचाव के लिए शेड के ऊपर पन्नी नीचे पुआल तथा बाहर अलाव जलाया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि वर्मी कंपोस्टिंग के लिए गड्ढा खुदवाने तथा उसमें गोबर एवं अन्य सड़ने वाली चीजों को डालकर खाद तैयार करें। निरीक्षण के दौरान डॉक्टर नेहा सिंह (पत्नी जिलाधिकारी), मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अश्वनी तिवारी, ईओ पालिका अखिलेश त्रिपाठी, सफाई निरीक्षक सत्यदेव शुक्ला तथा नगरपालिका के कर्मचारी गण उपस्थित रहे ।



 जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने सदर ब्लाक के परसा जागीर गो आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कानूनगो को निर्देश दिया कि 3 दिन के अंदर ग्राम समाज की भूमि खाली कराएं। उन्होंने ग्राम प्रधान को निर्देश दिया कि जमीन खाली होने के बाद चारा की बुवाई कराएं ताकि पशुओं को हरा चारा मिल सके। यहां पर दो टिन सेट पशुओं के लिए बनाए गए हैं। इन्हें तीन तरफ से पर्दे से घेरा गया है ताकि पशुओं को ठंड से बचाया जा सके। कुछ पशुओं को बोरे का कोर्ट भी पहनाया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी पशुओं को कैटल कोट पहनाया जाए ।



       निरीक्षण में उन्होंने पाया कि यहां पर चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, लेकिन 40 के स्थान पर मात्र 16 पशु रखे गए हैं । उन्होंने ग्राम प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि 7 दिन के अंदर यहां पर 40 पशु रखना सुनिश्चित करें । उन्होंने देखा कि खाद गड्ढा छोटा बनाया गया है । उन्होंने निर्देश दिया कि मनरेगा के अंतर्गत 3 कंपोस्ट किट बनाया जाए । निरीक्षण के दौरान सीडीओ अरविंद पांडेय , डॉ0 नेहा सिंह (पत्नी जिलाधिकारी) , डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अश्वनी तिवारी, राजा शेर सिंह, ग्राम प्रधान एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
            मुख्य विकास अधिकारी अरविंद पांडेय ने सदर ब्लाक के बथुआ गो आश्रय स्थल का निरीक्षण किया।इस दौरान यहां पर 26 पशु संरक्षित किए गए हैं, जबकि यहां पर 40 पशु रखने की क्षमता है। उन्होंने निर्देश दिया कि 1 सप्ताह के अंदर यहां पर 40 पशु रखे जाएं। निरीक्षण में उन्होंने पाया कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए टिन सेट, कैटल कोट,अलाव की व्यवस्था की गई है।उन्होंने निर्देश दिया कि यहां पर गोबर खाद गड्ढा के लिए सीन पिट बनवाएं ।
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