पुलिस अधिकारी का नाकाम रहना दण्डनीय अपराध, महिला सुरक्षा हेतु राज्यों को गृह विभाग ने भेजे पत्र

तारकेश्वर टाईम्स ( हि0दै0 )


                  ( के0 के0 उपाध्याय )


नयी दिल्ली । केंद्र ने महिलाओं की सुरक्षा को सरकार की सर्वाधिक प्राथमिकता वाला विषय बताते हुए इसके लिए सभी राज्यों को हरसंभव कदम उठाने को कहा है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि वह हाल ही में महिलाओं एवं लड़कियों के साथ हुई जघन्य यौन उत्पीड़न की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मद्देनजर यह पत्र लिख रहे हैं ।



गृह सचिव ने कहा, ''महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा सरकार की एक उच्च प्राथमिकता वाला विषय है। सरकार ने इस तरह के अपराधों से सख्त तरीके से निपटने के लिए कानूनी प्रावधानों को मजबूत करने को लेकर कदम उठाए हैं। वहीं, प्रभावी प्रतिरोध के लिए यह जरूरी है कि पुलिस तक आसानी से पहुंच हो और वह महिलाओं के साथ होने वाले अपराध की किसी शिकायत का समय पर तथा अत्यधिक सक्रियता से निपटने में सक्षम हो ।'' केंद्रीय गृह सचिव ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए मंत्रालय द्वारा राज्यों को भेजे गए विभिन्न परामर्शों का भी उल्लेख किया ।  


भल्ला ने कहा कि 16 मई 2019 को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को महिलाओं के यौन उत्पीड़न सहित संज्ञेय अपराध की स्थिति में ''जीरो'' एफआईआर (प्राथमिकी) दर्ज करने में कानून में मौजूद प्रावधान का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था।


गृह सचिव ने कहा, ''यह भी दोहराया गया है कि इस सिलसिले में किसी पुलिस अधिकारी का नाकाम रहना एक दंडनीय अपराध होगा।'' परामर्श में कहा गया कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पुलिसकर्मी कहीं अधिक तत्परता से प्रतिक्रिया करें और महिलाओं एवं लड़कियों के साथ होने वाले अपराध की शिकायतों के मामले में संवेदनशीलता का परिचय दें ।
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