नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश , 10 महत्वपूर्ण बिंदु 

तारकेश्वर टाईम्स  (हि0दै0)


नागरिकता संशोधन बिल को गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षियों के विरोध के बावजूद लोकसभा में सोमवार की दोपहर को पेश कर दिया । इससे पहले , भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अपने सासदों को व्हिप भी जारी किया था । नागरिक संशोधन बिल कानून बन जाता है , तो पड़ोसी देश पाकिस्तान , अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के चलते आए हिन्दू , सिख , ईसाई , पारसी , जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को सीएबी के तहत भारतीय नागरिकता मिल जाएगी ।



       इस बिल के बारे में दस अहम बातें : -


1 - नागरिक संशोधन बिल अगर कानून का रूप ले लेता जाता है तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू , ईसाई , सिख , पारसी , जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों को CAB के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी । 2 - नागरिकता संशोधन बिल के चलते जो विरोध की आवाज उठ रही है उसकी वजह ये है कि इस बिल के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान , अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी। कांग्रेस सहित कई पार्टियां इसी आधार पर बिल का विरोध कर रही हैं । 3 - देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है , और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है । 4 - भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद ( AGP ) ने वर्ष 2016 में लोकसभा में पारित किए जाते वक्त बिल का विरोध किया था , और सत्तासीन गठबंधन से अलग भी हो गई थी , लेकिन जब यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया , असम गण परिषद गठबंधन में लौट आई थी । 5 - माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने पर पार्टी इसमें दो संशोधन लाएगी क्योंकि वह विधेयक के मौजूदा स्वरूप का विरोध करती है । येचुरी ने कहा कि पार्टी दो संशोधन ला कर उन सभी शर्तों को हटाने की मांग करेगी , जो धर्म को नागरिकता प्रदान करने का आधार बनाते हैं । 6 - असम में नागरिकता संशोधन विधेयक ( सीएबी ) के खिलाफ विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें नग्न होकर प्रदर्शन करना और तलवार लेकर प्रदर्शन करना भी शामिल है । 7- मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के चबुआ स्थित निवास और गुवाहाटी में वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा के घर के बाहर सीएबी विरोधी पोस्टर चिपकाए गए । 8 - एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना जो अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रही है , इस बिल का समर्थन करेगी । 9 - कांग्रेस-एनसीपी और कुछ विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध करेंगे । विपक्षी पार्टियों का कहना है कि धर्म के आधार पर देश को बांटने की कोशिश है । 10 - शिवसेना के सांसद संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र में सरकार अपनी जगह और देश के प्रति कमिटमेंट एक जगह है । इसलिए हम लोग इस बिल का समर्थन करेंगे ।
                              ( आमोद उपाध्याय )                                 ➖   ➖   ➖   ➖   ➖
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