टीबी के मरीजों का अब बिना इंजेक्शन होगा इलाज


- इलाज की अवधि में भी की जाएगी कमी
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी की गई है नई गाइ'ड लाइन
- जिले के अधिकारियों को दिया गया है नई गाइड लाइन का प्रशिक्षण
- अभी तक दवा के साथ छह माह तक लगवाना होता है इंजेक्शन
- इंजेक्शन लगवाने में मरीजों को होती है काफी समस्या
- विशेष परिस्थितियों में ही मरीज को लगाया जाएगा इंजेक्शन       ( सज्जाद रिजवी )
बस्ती ( उ0प्र0 ) ।
टीबी के इलाज की गाइड लाइन में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव नजर आएगा। एमडीआर मरीजों का इलाज अब बिना इंजेक्शन के भी हो सकेगा। इसी के साथ इलाज की अवधि भी कम की जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से नई गाइड लाइन जारी हो चुकी है। अधिकारियों को नई गाइड लाइन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस नए इलाज का फायदा जिले के 140 एमडीआर मरीजों को मिलेगा।
क्षय रोग विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अभी तक एमडीआर मरीजों का इलाज दो साल तक चलता है। इसी के साथ हर रोज (रविवार को छोड़कर) छह से नौ माह तक इंजेक्शन भी लगाया जाता है। इतने लंबे समय तक इंजेक्शन लगाए जाने से कुछ मरीजों को समस्या होती है। कभी-कभी उनका इलाज अधूरा रह जाता है। 
अब इसमें बड़ा बदलाव करते हुए इंजेक्शन बंद करवा दिया जाएगा, केवल दवा के सहारे इलाज होगा। यही नहीं दवा का समय भी 24 माह से घटाकर 18-20 माह कर दिया जाएगा। जिन मरीजों का शार्टटर्म इलाज जरूरी होगा, केवल उन्हें ही इंजेक्शन लगाया जाएगा। यह इलाज नौ से 11 माह का होगा। जानकारों का कहना है कि टीबी के खात्में में यह बदलाव काफी कारगर साबित होगा। एमडीआर मरीजों का कोर्स पूरा कराना फील्ड स्टॉफ के लिए बेहद मुश्किल होता है। इसमें सबसे बड़ी समस्या इंजेक्शन का कोर्स पूरा कराने की होती है। केवल दवा रह जाने से इलाज काफी आसान हो जाएगा। 
इसी के साथ एक और बड़ा बदलाव भी देखने को मिलेगा। टीबी मरीजों के इलाज में चलने वाली महत्वपूर्ण दवा आइसोनियाजिट से किसी मरीज के रजिस्टेंस होने पर अब उसे जिला टीबी अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा। अब सीधे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सुविधा केंद्रों टीयू स्तर पर चिकित्सक की सलाह से इलाज शुरू कराया जा सकेगा। अभी तक टीबी अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही उसका इलाज शुरू हो सकता है। किसी-किसी मरीजों के लिए भर्ती होना काफी मुश्किल होता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल कन्नौजिया, डीआरटीबी सेंटर की एसएमओ डॉ. प्रियंका गुप्ता व वहीं के एचआईसी कोआर्डिनेटर संदीप श्रीवास्तव को इस संबंध में आगरा में प्रशिक्षण दिया गया है।
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टीबी के इलाज के लिए नई गाइड लाइन का प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें एमडीआर के सामान्य मामलों में इंजेक्शन से निजात मिल जाएगी। आइसोनियाजिट से रजिस्टेंस होने पर इलाज शुरू होने में भी काफी सुविधा मिलेगी। शासन से निर्देश मिलने के बाद इसे लागू करा दिया जाएगा।
- डॉ. सीएल कन्नौजिया जिला क्षय रोग अधिकारी - बस्ती
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