सीएम योगी का रूख सख्त : 7 पुलिस अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति : नमामि गंगे परियोजना पर चेतावनी
( डाॅ0 शैलेन्द्र पाठक )
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। करप्शन और काम में लापरवाही पर सीएम योगी का रूख बेहद सख्त है। इसके तहत कड़ा एक्शन लेते हुए सीएम योगी ने सात पीपीएस pps अफसरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया व 7 अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। वहीं अन्य अधिकारियों की सूची भी जारी करने की आदेश दिए है। 24 अधिकारियों के लिस्ट सीएम योगी के पास पहुंच गई है।
इन 7 अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई
-आगरा पीएसी के सहायक सेनानायक अरुण कुमार
-फैजाबाद पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार राना
-आगरा पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र सिंह राना
-झांसी सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव
-सीतापुर सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव
-गोंडा सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खान
-मुरादाबाद मंडल अधिकारी संतोष कुमार सिंह
सीएम योगी ने नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange) से जुड़े कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान कार्यों में हो रही देरी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिए कि जो भी ठेकेदार और अधिकारी कार्य में देरी के कारण बन रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे परियोजना में मिशन डायरेक्टर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मिशन डायरेक्टर सीधे परियोजना स्थलों का दौरा कर गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य को पूरा करवाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने परियोजना के कार्यों में देरी करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएम ने निर्देश दिया है कि 12 नवंबर को देव दिवाली का कार्य़क्रम वाराणसी में आयोजित होगा, इससे पहले वहां सभी घाटों का कार्य पूरा हो जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बरेली, आगरा, गाजीपुर और मथुरा में इस परियोजना के तहत 8 जुलाई से कार्य लंबित हैं, इसके लिए सिंचाई विभाग के एक्सईएन और चीफ इंजीनियर को नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाबदेह तय किया जाए। जरूरत पड़े तो उच्च अधिकारियों को भी जवाबदेह बनाया जाए।
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