रूक नहीं रही आस्ट्रेलिया के जंगलों की आग, तीन मरे, @ मानसून मे देरी
( प्रशान्त द्विवेदी )
मेलबर्न । ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी विनाशकारी आग के पीछे कुछ हद तक भारत से मानसून का देर से लौटना भी जिम्मेदार है। जंगलों की आग की प्रकृति का अध्ययन करने वाले एक विशेषज्ञ ने यह दावा किया है। ऑस्ट्रेलिया में इस आग से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोगों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा है।
ईंधन, मौसम और भौगोलिक स्थितियों का प्रयोग कर जंगलों की आग की प्रकृति का अध्ययन करने वाले मेलबर्न विश्वविद्यालय से जुड़े ट्रेंट पेनहम ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में लगी इस आग को भारत में मानसून के देर से खत्म होने से जोड़कर देखा जा सकता है। वैश्विक तंत्र आपस में जुड़े हैं। हम इन्हें अलग करके नहीं देख सकते। हालांकि, अगर आप किसी एक इलाके में हैं तो यह आपके लिए सोचना मुश्किल होगा कि 10,000 किलोमीटर दूर जो मौसम है वह असल में यहां भी असर डाल रहा होगा।
मध्य तक नहीं थमी बारिश
भारत में रिकॉर्ड बारिश पिछले महीने के मध्य तक भी नहीं थमी थी। जबकि एशिया में दक्षिण-पश्चिम मानसून हर साल जून से सितंबर के बीच खत्म हो जाता है और ये हवाएं फिर वहां से दक्षिण की तरफ बढ़ती हैं। चूंकि भारत में मानसून जल्द खत्म नहीं हुआ, इसलिए डार्विन (ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र) में अच्छी बारिश नहीं हुई।
इसलिए बढ़ा जोखिम
पेनहम ने कहा, इस वक्त इन क्षेत्रों में सामान्य तौर पर जो बारिश होती है वह वैश्विक घटना के चलते नहीं हुई और इस वजह से ये क्षेत्र गर्म, शुष्क और तेज हवाओं के असर में रहे। इस वजह से ऑस्ट्रेलिया का पूर्वी तट शुष्क हो गया और उसके आग की चपेट में आने का जोखिम बढ़ गया। भीषण आग के लिए ये सारी स्थितियां अनुकूल होती हैं जो इस वक्त हम देख रहे हैं।
न्यू साउथ वेल्स में आपातकाल की घोषणा
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, जंगलों में लगी भीषण आग के कारण ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रांत में सात दिन के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। न्यू साउथ वेल्स के अधिकारियों ने कहा है कि लोगों को इससे भी बुरे हालात के लिए तैयार रहना होगा। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शहर सिडनी पर भी खतरा मंडरा रहा है ।
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