जब जिलाधिकारी ने खेत में जाकर काटा धान , मिली प्रेरणा

जिलाधिकारी सन्तकबीर नगर रवीश गुप्ता ने हरियाणा एवं दिल्ली आदि में प्रदूषण से उत्पन्न सांस की समस्या को देखते हुए स्थानीय स्तर पर जमीनी प्रयास करते हुए मिशाल पेश की है । पलानी  ( पुआल ) जलाने से पैदा होने वाले खतरनाक प्रदूषण से निपटने के उद्देश्य से बचाव करते हुए जन जीवन की बेहतरी के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रशंसनीय कार्य किया है ।



                  ( आमोद उपाध्याय ) 
सन्तकबीर नगर  ( उ0प्र0 ) । 
      जब जिले का मुखिया स्वयं किसी समस्या के निराकरण हेतु जमीनी स्तर पर मूलभूत कार्य करने के लिए उतर पड़े, तो समस्या का हल निकलना तय है । इसी के दृष्टिगत जिलाधिकारी सन्तकबीर नगर रवीश गुप्ता ने प्रदूषण से निपटने के लिए खुद हाथ में हंसिया उठा लिया और खेत में जाकर धान काटने लगे । ऐसे ही कार्य नजीर बनते हैं और लोग समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रेरित होते हैं । देखने और कहने सुनने में तो ये छोटे मोटे कार्य हैं, लेकिन बड़ा सन्देश देने के लिए काफी हैं । 
      जिलाधिकारी रवीश गुप्ता दस नवम्बर 2019 रविवार को जिले की सदर तहसील खलीलाबाद के केरूमा गांव पहुंच गए और धान के खेत में जाकर  हंसिया लेकर लगे धान काटने । अचानक डीएम साहब को गांव में खेत काटते देख ग्रामीणों का आश्चर्य चकित होना स्वाभाविक था । बाद में सभी को पता चला मुद्दा पलानी ( जिसे यहां पुआल कहा जाता है ) और उसके जलाने से उत्पन्न खतरनाक प्रदूषण का है । ज्ञातव्य है कि पुआल जलाने से पैदा होने वाले खतरनाक प्रदूषण से दिल्ली आदि जैसे अति महत्वपूर्ण महानगरीय जीवन खतरे की चपेट में हैं और लोगों का घरों में रहना भी मुश्किल हो रहा है । 



         इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा कि फसल की कटाई का समय है और मशीनरी का प्रयोग कर कटाई तो हो जाती है, और फसल के तने दुष्प्रभाव की अज्ञानता वश खेतों में जला दिये जाते हैं । उससे उत्पन्न प्रदूषण के भयंकर परिणाम हम दिल्ली हरियाणा इत्यादि स्थानों पर देख रहे हैं । मुख्य उद्देश्य किसान भाईयों को इन चीजों की जानकारी देते हुए प्रदूषण से बचाव हेतु जागरूकता पैदा करना है । उन्होंने कहा कि यदि समय रहते सचेत नहीं हुए तो धीरे धीरे यह समस्या हर जगह अपनी जड़ें जमा लेगी और छोटे स्तर पर होने वाली लापरवाही बड़ी समस्या का कारण बन जाएगी ।
    नौ नवम्बर शनिवार को अयोध्या मामले में मा0 उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पूरा प्रशासन कानून व्यवस्था और अमन चैन के दृष्टिगत तमाम प्रबन्ध करते हुए आज ईद मिलादुन्नबी सकुशल सम्पन्न कराने में लगा हुआ है । ऐसे में तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए तमाम जरूरी कार्यों पर  सूक्ष्म दृष्टि रख पाना और समय निकाल कर इतने व्यावहारिक तरीके से लोगों को प्रेरित करने के लिए समय निकालना निश्चित रूप से बड़ी बात है ।



जिलाधिकारी के इस पहल से एक बड़ा सन्देश गया है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है । लोगों का मानना है कि अधिकारियों के इस तरह व्यावहारिक कार्य पद्धति से बड़े से बड़े दुष्प्रभाव और उसके खतरों से निपटा जा सकता है ।


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