देशभर में प्याज कारोबारियों के 100 ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा
( एल. पी. चौधरी )
नई दिल्लीः देश में प्याज की आवक बढ़ने के बावजूद कीमतों में कमी न आने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाया है। देशभर में प्याज कारोबारियों द्वारा प्याज की जमाखोरी करने और कीमतों में कृत्रिमरूप से तेजी लाने की जानकारी मिलने के बाद आयकर विभाग ने देशभर में प्याज कारोबारियों के यहां छापा मारा है। आयकर विभाग ने देशभर में 100 से अधिक स्थानों पर छापे की यह कार्रवाई की है। आयकर विभाग ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, नागपुर, नासिक और मुंबई में प्याज कारोबारियों के यहां छापा मारा है।
देशभर की मंडियों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बावजूद इसकी कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में सोमवार को प्याज की आवक में वृद्धि होने के बावजूद कीमत घटने के बजाए बढ़ ही गई। कारोबारियों ने बताया कि आजादपुर मंडी में प्याज के थोक दाम में करीब पांच रुपए प्रति किलो यानी 500 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई।
आजादपुर मंडी में शनिवार को जहां प्याज का थोक भाव 35-55 रुपए प्रति किलो था वहीं सोमवार को थोक भाव 40-60 रुपए प्रति किलो हो गया। दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा कारोबारी 80-100 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं।
आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण महाराष्ट्र समेत सभी प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेशों में नई फसल को काफी नुकसान हुआ है, जबकि पुराने प्याज का स्टॉक बहुत कम बचा हुआ है, इसलिए कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना है। पिछले साल 2018-19 में देश में प्याज का उत्पादन 234.85 लाख टन था ।
प्याज की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने के लिए सरकार ने सितम्बर में ही एक तरफ निर्यात पर रोक लगा दी थी तो दूसरी तरफ जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए स्टॉक लिमिट भी तय कर दी थी । खुदरा और थोक व्यापारी तय सीमा से अधिक प्याज का स्टॉक नहीं कर पाएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले के तहत खुदरा व्यापारी 100 क्विंटल से अधिक प्याज स्टोर नहीं कर पाएंगे तो थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा 500 क्विंटल रखी गई है। यह फैसला देशभर में लागू होगा और पूरे देश के खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए प्याज स्टॉक की सीमा भी समान है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और जनवितरण मंत्रालय की ओर से सितम्बर मेें ही कहा था कि मिनिमन एक्सपोर्ट प्राइस के नीचे बांग्लादेश और श्रीलंका को प्याज का निर्यात रोक दिया गया है। मंत्रालय ने नियमों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में करीब दो माह पहले से प्याज का खुदरा दाम 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बाढ़ की वजह से इसकी आपूर्ति प्रभावित हुई है। बयान में कहा गया है कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा था - 'सभी किस्म के प्याज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है ।' डीजीएफटी आयात और निर्यात से संबंधित मुद्दों को देखता है। इससे पहले 13 सितंबर को डीजीएफटी ने प्याज के निर्यात पर अंकुश के लिए 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था।
इस कदम का उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज कीमतों पर अंकुश लगाना था। कोई भी निर्यातक एमईपी से नीचे के भाव पर निर्यात नहीं कर सकता है। राज्य सरकारों के पास स्टॉक की सीमा तय करने का अधिकार होता है। लेकिन इस बार केंद्र ने सीधे राज्यों पर स्टॉक की सीमा लागू की है। केंद्र ने राज्यों को प्याज भंडारण की सीमा को कड़ाई से लागू करने और जमाखोरों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा था ।
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