अयोध्या:अशफाकउल्लाह की जयंती पर जेल प्रशासन अर्पित करेगा श्रद्धांजलि, अन्य कार्यक्रमों पर रोक 

जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मा0 उच्चतम् न्यायालय में चल रही सुनवाई और वैधानिक दिशा निर्देशों के मद्देनजर अन्य कार्यक्रमों को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है ।


                  ( बृजवासी शुक्ल )


       अयोध्या ( उ0प्र0) ।


देश की आजादी में योगदान देते हुए फांसी के फंदे पर लटकने वाले अशफाकउल्लाह खान की जयंती पर जेल प्रशासन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगा । अशफाकउल्लाह खान के जन्म दिन पर अयोध्या  जेल परिसर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गयी है। जेल अधीक्षक की ओर से शहीद मेमोरियल को जारी  पत्र में  जेल प्रशासन के अलावा अन्य को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि यह वैधानिक आदेश के अनुपालन में लिया गया है ।



अशफाकउल्लाह खान मेमोरियल शोध संस्थान अयोध्या के प्रबन्ध निदेशक सूर्यकांत पाण्डेय को भेजे पत्र में कहा गया है कि अयोध्या श्री राम जन्मभूमि मामले में चल रही सुनवाई के दृष्टिगत इस बार जेल में सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाने की अनुमति नहीं है । जेल प्रशासन द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी ।
  ज्ञात रहे अंग्रेज़ी राज के खिलाफ लड़ रहे क्रान्तिकारियो ने लखनऊ के सन्निकट काकोरी में  चंद्रशेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल ,ठाकुर रोशन सिंह ,अशफाकउल्लाह खान ,शिव वर्मा आदि के नेतृत्व में  रेल रोक कर सरकारी खजाने को लूट लिया था। यह क्रान्तिकारियो की अंग्रेज़ी राज को दी गई बड़ी चुनौती थी। बाद में चंद्र शेखर आज़ाद के अलावा सारे क्रांतिकारी पकड़े गए थे , जिनमें चार को फांसी की सजा व अन्य को काला पानी की सज़ा सुनाई गई थी। बिस्मिल को गोरख पुर जेल ,राजेन्द्र लाहिड़ी को गोंडा जेल , ठाकुर रोशन सिंह को इलाहाबाद के मलाका जेल और अशफाकउल्लाह खान को फैज़ाबाद जेल में फ़ासी दी गयी थी। भारत के आज़ाद होने के बाद इन स्थानों को आज़ादी के आंदोलन के प्रतीक चिन्ह के रूप में मानते हुये भारत की जनता ,सामाजिक संगठन ,विधायिका और प्रशासनिक अमला भी जन्मदिन और शहादत दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम ,पुष्पांजलि सहित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम कर अपने नायकों को याद करता है। 



  इस बार जेल अधीक्षक द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद के मद्देनजर जनपद में धारा 144 का हवाला देते हुए क्रांतिकारी शहीद अशफाकउल्ला खान की जयंती पर सभी कार्यक्रम रद्द करते हुए बाहरी व्यक्तियो ,सामाजिक संगठनों पर रोक लगा दिया है।
     जेल अधीक्षक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है जेल प्रशासन  शहीद अशफाकउल्ला के लिए अपने परंपरा गत कार्यक्रम करेगा । भारत की जनवादी नौजवान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सत्यभान सिंह ने कहा कि ये भारत की आज़ादी के लिए अपनी जान देने वाले शहीदों का अपमान है।  सरकार और प्रशासन को व्यवस्था देनी चाहिए।


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