अधिवक्ता रामगोपाल त्रिपाठी के हत्यारों को एसटीएफ ने दबोचा , 6 सितम्बर को हुआ था अपहरण
जमाल अहमद
संतकबीरनगर। कोतवाली क्षेत्र के बड़ी सरौली निवासी अधिवक्ता राम गोपाल त्रिपाठी की हत्या अपहरण करने के बाद लखनऊ में हुई थी। इस बात का खुलासा सोमवार को एटीएफ लखनऊ की टीम ने किया। एसटीएफ के हत्थे हत्याभियुक्त सुुुभाष कन्नौजिया व एक अन्य उसका सहयोगी सोमनाथ सोलंंकी भी चढ़़ गया है। एसटीएफ ने राम गोपाल की कार समेत एक अन्य कार भी बरामद कर लिया है। हालांकि इस मामले में अपहरण का मुकदमा कोतवाली पुलिस ने दर्ज कर लिया था।
कोतवाली पुलिस को दिए गए तहरीर में अधिवक्ता रामगोपाल त्रिपाठी के भाई अयोध्या त्रिपाठी ने लिखा है कि 6 सितंबर की शाम चार बजे अपने स्विप्ट डिजायर से अपने मित्र सुभाष कन्नौलिया निवासी शिवापार थाना बखिरा जो वर्तमान समय में लखनऊ रहते हैं, उनके बुलाने पर राम गोपाल त्रिपाठी गए हुए थे। उनका कहना है कि अगले दिन 7 सितंबर को मोबाइल के माध्यम से भाई से बात हुई लेकिन कुछ ही समय बाद उनका मोबाइल बंद बताने लगा। काफी खोजबीन की गई लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। उन्होंने बताया कि सुबाष कन्नौजिया से पैसे का लेनदेन चल रहा था। उन्होंने शक जताते हुए भाई की हत्या के नियत से सुबाष कन्नौजिया द्वारा अपहरण किये जानेे की आशंका जताई थी । कोतवाली पुलिस ने तहरीर के आधार पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। सोमवार 23 सितम्बर को लखनऊ एसटीएफ ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि अभियुक्त द्वारा पूछताछ में बताया गया है कि जमीन के खरीद फरोख्त का कारोबार दोनों लोगों के साझे में किया जा रहा था। खलीलाबाद से लेकर लखनऊ तक कई जमीनों का सौदा कराया गया था। अभियुक्त ने यह भी कबूला कि राम गोपाल की हत्या कर उनका शव नहर में फेंक दिया गया है। एसपी ब्रजेश सिंह ने बताया कि लखनऊ की एसटीएफ और हम लोगों के संयुक्त मिशन के चलते यह कामयाबी मिली है।
@ तारकेश्वर टाईम्स की खबर