यशवन्त सिन्हा टीएमसी में शामिल

             (शैलेन्द्र पाठक) 

कोलकाता। अटल सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद 82 साल के यशवंत सिन्हा काफी समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे। शनिवार सुबह यशवंत सिन्हा कोलकाता पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ली। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी दिनेश त्रिवेदी की जगह अब यशवंत सिन्हा को राज्यसभा भेजने का मन बना सकती है।  

टीएमसी की सदस्यता लेने के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा, 'अटल जी के समय में बीजेपी आम सहमति पर यकीन करती थी लेकिन आज की सरकार सिर्फ कुचलने और जीतने पर भरोसा रखती है। अकाली दल, बीजेडी, बीजेपी से अलग हो गए हैं। आज बीजेपी के साथ कौन खड़ा है ? यशवंत सिन्हा ने आगे बताया, 'ममता जी पर नंदीग्राम में जो हमला हुआ, वह टिपिंग पॉइंट था। तभी मैंने टीएमसी में शामिल होने और ममता जी को समर्थन देने का फैसला किया।' 

कोलकाता में टीएमसी दफ्तर में यशवंत सिन्हा ने पार्टी की सदस्यता ली। यशवंत सिन्हा काफी समय से मोदी सरकार का विरोध करते रहे हैं। बीजेपी से उनकी नाराजगी रही है और आज वह टीएमसी में शामिल हो गए हैं। टीएमसी पहले से ही बंगाल में मुश्किल में है क्योंकि बड़े नेता पार्टी से जा रहे हैं। ऐसे में यशवंत सिन्हा के टीएमसी में शामिल होने से पार्टी को मनोबल मिलेगा हालांकि जमीनी स्तर पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता नहीं दिख रहा है। भगदड़ से जूझ रही टीएमसी को इस वक्त स्थानीय चेहरों की जरूरत है। यशवंत सिन्हा लगातार सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं और मोदी सरकार पर हमला करते रहे हैं।

    कौन हैं यशवंत सिन्हा

यशवंत सिन्हा आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में शामिल हुए थे। चंद्रशेखर सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। अटल सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी नेता था लेकिन नरेंद्र मोदी की बीजेपी उन्हें रास नहीं आई। अक्सर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से लेकर विदेश नीतियों तक की आलोचना करते रहे हैं। इनके बेटे जयंत सिन्हा बीजेपी से सांसद हैं।

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