योजनाओं की प्रगति में बैंकों का असहयोग : डीएम नाखुश, ऊपर लिखेंगे

(विशाल मोदी) 


बस्ती (सू.वि.उ.प्र.) । विभिन्न योजनाओं की प्रगति में बैंको द्वारा असहयोग कर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने असंतोष व्यक्त किया है। विकास भवन सभागार में आयोजित जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक में उन्होने कहा कि बैंको की इन उपलब्धियों के बारे में राज्य स्तरीय समिति को अवगत कराया जायेगा। साथ ही सरकारी योजनाओं की धनराशि भी अन्य बैंको को स्थानान्तरित की जायेंगी।  



   समीक्षा में उन्होने पाया कि जिले का ऋण जमा अनुपात 60 प्रतिशत लक्ष्य के सापेक्ष 40 प्रतिशत है। लीड बैंक भारतीय स्टेट बैंक का ऋण जमानुपात मात्र 27.34 प्रतिशत है। 81210 किसान क्रेडिट कार्ड के लक्ष्य के सापेक्ष 35530 कार्ड जारी किया गया है। इसमें नये कार्ड 13280 तथा नवीनीकरण 22250 कार्ड का किया गया है। समीक्षा में उन्होने पाया कि डेयरी में 20660 लक्ष्य के सापेक्ष 2709 आवेदन पत्र भेजे गये है और बैंक द्वारा मात्र 04 स्वीकृत किए गये है। पशुपालन विभाग द्वारा 3410 लक्ष्य के सापेक्ष 2564 आवेदन पत्र भेजे गये है और एक भी कार्ड जारी नही किया गया। केवल मत्स्य पालको को 79 लक्ष्य के सापेक्ष 27 क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया गया है। 


   जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय रिर्जव बैंक द्वारा जारी निर्देशेा के अनुसार सभी बैंको कुल ऋण का 40 प्रतिशत प्राथमिकता क्षेत्र में दिया जाना अनिवार्य है। साथ ही कृषि क्षेत्र में न्यूनतम 18 प्रतिशत लधु मध्यम एंव सूक्ष्म उद्योग में न्यूनतम 7.50 प्रतिशत तथा समाज के कमजोर वर्ग को न्यूनतम 10 प्रतिशत ऋण दिये जाने का उप-लक्ष्य दिया गया। सभी बैंको को इसका पालन करना अनिवार्य है। 


  उन्होंने समीक्षा में पाया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में 42 के सापेक्ष 28, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 74 के सापेक्ष 06, एक जनपद एक उत्पाद योजना में 40 के सापेक्ष 01 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किया गया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित योजना में 30 के सापेक्ष 09 ऋण वितरित किया गया है। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना में 09 के सापेक्ष 01 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किया गया है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्वतः रोजगार योजना (एस0सी0पी0) में 1400 लक्ष्य के सापेक्ष केवल 28 ऋण वितरित किया गया है, जबकि 1265 आवेदन पत्र विभिन्न बैंको में लम्बित है।  



 प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना में 203 आवेदन पत्र बैंको को भेजा गया था जिसके सापेक्ष 36 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किए गये। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 5950 लक्ष्य के सापेक्ष 1298 आवेदन पत्र बैंको द्वारा लिए गये तथा 1234 स्वीकृत कर वितरित कर दिये गये। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना तथा सरकार की अन्य योजनाओं में ऋण स्वीकृति एंव वितरण की स्थिति से स्पष्ट है कि सरकारी ऋण योजनाओं के स्वीकृति एंव वितरण में बैंको द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। उन्होने सभी जिला समन्वयको को निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह ऋण वितरण की स्थिति के रिपोर्ट से उन्हें अवगत कराये तथा ऋण वितरण में आने वाले दिक्कतों की जानकारी दें। 


   जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि मुख्य रूप से लीड बैंक एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, बड़ौदा यू0पी0 बैंक, सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया की जिले में सर्वाधिक शाखाए है और इन्ही बैंको में जिले का अधिकतम लक्ष्य आवंटित है। उन्होंने इन बैंको के जिला समन्वयकों को निर्देश दिया कि वे अपने शाखाओं के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचायें। बैठक का संचालन लीड बैंक मैनेजर अविनाश चंद्रा ने किया। बैठक में सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका, नाबार्ड से मनीष कुमार, एसबीआई से वीएस मिश्रा, बड़ौदा यू0पी0 बैंक से वीके मिश्रा, पीएनबी से एसडी पाठक, सुशील पाण्डेय, संजेश श्रीवास्तव, रमाशंकर यादव, रामदुलार, संदीप वर्मा, बीएम त्यागी तथा विभिन्न बैंको के प्रतिनिधि उपस्थित रहे । 


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