पीएम पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्षी दलों ने शुक्रवार सात फरवरी को फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि पीएम ने हंसी-मजाक वाली व्यंगात्मक वेबसाइट की बातें सदन में कहीं। इससे सदन की गरिमा धूमिल हुई है।



राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का नाम लेते हुए कहा, “श्रीमान उमर अब्दुल्ला जी ने कहा था, आर्टिकल 370 को हटाने से ऐसा भूकंप लाएगा कि कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा।” इसके बाद उन्होंने कहा, “क्या संविधान को समर्पित कोई भी व्यक्ति इस भावना से सहमत हो सकता है क्या ?”



पीएम के इस बयान के बाद सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, “पीएम मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व सीएम द्वारा दिए गए बयान स्वीकार्य नहीं थे। अब यह जाहिर है कि ये बयान व्यंग्य वेबसाइट फेकिंग न्यूज से लिए गए हैं।” पार्टी के पोलित ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ़्ती को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज का सहारा ले रहे हैं।



तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने भी ट्विटर पर अप्रत्यक्ष रूप से पीएम मोदी द्वारा फ़ेकिंग न्यूज़ के उपयोग का जिक्र करते हुए लिखा है,”यदि कोई सांसद फेक न्यूज के आधार पर संसद को गुमराह करने की कोशिश करता है तो उसके लिए विकल्प उपलब्ध हैं। नियम 222, विशेषाधिकार का प्रश्न, नियम 380, निष्कासन निर्देश और नियम 115”ब्रायन ने लिखा है, “इसके अलावा सदस्य स्पीकर को नियम 353 (मानहानि) के उल्लंघन के आरोप में नियम 376 का उपयोग करते हुए भी लिख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हर दिन मो-श [मोदी-अमित शाह] और बीजेपी सरकार कोई न कोई झटका देकर संसद का मजाक उड़ाती है।”
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